विकसित कृषि संकल्प अभियान: उत्तराखंड के पहाड़ी किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण
10 जून 2025 – भारत सरकार के विकसित कृषि संकल्प
अभियान (खरीफ 2025) के अंतर्गत देश भर में किसानों को
आत्मनिर्भर और जलवायु-अनुकूल कृषि के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस
महत्त्वाकांक्षी पहल का उद्देश्य आधुनिक एवं वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को
गाँव-गाँव तक पहुँचाना, किसानों की आय को दोगुना करने की
दिशा में ठोस कदम उठाना, तथा जल,
मृदा और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को
बढ़ावा देना है।
इसी
क्रम में भारत सरकार की एक उच्च स्तरीय टीम 10 जून 2025 को उत्तराखंड के पौड़ी जनपद पहुँची।
बीरोंखाल ब्लॉक में आयोजित इस कार्यक्रम में टीम ने क्षेत्रीय किसानों से संवाद
किया और उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और उपलब्धियों की समीक्षा
की।
किसान बोले – "ऐसा संवाद पहले कभी नहीं हुआ"
बीरोंखाल
की एक प्रगतिशील किसान सुश्री कमला देवी ने कहा,
"पहली बार ऐसा लगा कि सरकार सचमुच हमारी बात सुन
रही है। वैज्ञानिकों और अधिकारियों से सीधे मिलना हमारे लिए नया अनुभव था।"
वहीं,
श्री भुवन चंद्र जैसे युवा किसान जैविक खेती में
रुचि रखते हैं। उन्होंने बताया,
"मैं जैविक पद्धति अपनाना चाहता हूँ, लेकिन जानकारी की कमी थी। अब मैं आश्वस्त हूँ कि
मेरे जैसे किसानों को सही दिशा मिलेगी।"
11 जून को देवराड़ी देवी में खंड स्तरीय
कार्यक्रम
अभियान की अगली कड़ी 11 जून को देवराड़ी देवी, पौखड़ा में खंड स्तरीय कार्यक्रम के रूप में आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर भारत सरकार के प्रतिनिधि –
1. अनूप सिंह बिष्ट (उप सचिव, विस्तार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय),
2. श्रीमती एस. भानमती (उप निदेशक),
3. जिस्नु के. जे. (क्षेत्रीय गृह अर्थशास्त्री)
– किसानों
से सीधे संवाद करेंगे और उन्हें निम्नलिखित विषयों पर गहन मार्गदर्शन देंगे:
· आधुनिक कृषि तकनीक और नवाचार
· उन्नत बीजों का चयन
· जल संरक्षण एवं सूक्ष्म सिंचाई
· जैविक और प्राकृतिक खेती के लाभ
· कृषि विपणन और मंडी संपर्क
क्या बदलेगा इस अभियान से?
यह पहल
न केवल ज्ञान-वर्धन का जरिया बनेगी, बल्कि
किसानों को सही मार्गदर्शन व संसाधन उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा
में बड़ा कदम साबित होगी। पर्वतीय क्षेत्रों के किसान, जो अब तक पारंपरिक तरीकों पर निर्भर थे, अब वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
निष्कर्ष
विकसित
कृषि संकल्प अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह किसानों के भविष्य को सशक्त बनाने का एक जीवंत प्रयास है।
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में इसकी सफलता यह प्रमाणित करती है कि यदि सही
जानकारी, प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए
जाएँ, तो भारत का अन्नदाता हर चुनौती का
सामना कर सकता है।
इस अवसर पर रिटायर्ड अनु सचिव कृषि डी. पोनी, विधायक प्रतिनिधि ओमपाल सिंह बिष्ट, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी डा. योगेश रुवाली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उमेश कंडवाल, उधान विभाग से आनंद सिंह रावत, कृषि विभाग से विनोद कुमार, प्रगतिशील किसान कर्नल (सेनि) जसपाल नेगी, अनूप पटवाल, आलम सिंह रावत, सामाजिक कार्यकर्ता मंगत सिंह शाह, महावीर सिंह गुसाईं, डॉ प्रेम सिंह नेगी, मोहन सिंह रावत, देश बंधु बिष्ट, खाटली सामाजिक विकास मंडल (दिल्ली) से राजेश पोखरियाल (अध्यक्ष), देवेश्वर रावत (संरक्षक) सहित स्थानीय ग्रामीण एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
यह समागम सहयोग, संवाद
और समृद्धि की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास रहा। 🙏
मीडिया प्रभारी
खाटली सामाजिक विकास मंडल (दिल्ली)
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